जिंदगी में एक समय पर हम सबके साथ एक चीज होती है। अक्सर हम सोचते हैं कि कुछ नया शुरू करने के लिए अभी हम बहुत छोटे हैं या फिर बहुत बड़े हैं। क्या आपको नहीं लगता कि यह सब सोचकर आप खुद को सीमाओं में बांध रहे हैं।
यह एक negative mindset की निशानी है। जिससे आपकी असफलता की संभावना बहुत बढ़ जाती है। आप ऐसे जिंदगी में कुछ भी हासिल नहीं कर पाओगे क्योंकि आपने पहले से अपने लिए एक सीमा निर्धारित की होती है जिससे बाहर कभी आप जाने की कोशिश ही नहीं करते।
तो इस बात को समझो कि यह आपकी उम्र नहीं है जो आप को रोक रही है। यह आपका नज़रिया है जो आपको आगे बढ़ने से रोक रहा है।
यह आपका mindset ही है जो आपकी सफलता के रास्ते के बीच खड़ी सबसे बड़ी रुकावट है। किसी चीज के लिए आपका रवैया कैसा होता है, यह आपके mindset पर ही निर्भर करता है।
जब आप यह सोचना शुरु कर देते हो कि आप कुछ नहीं कर पाओगे। तब से ही आपका दिमाग आपको हर तरह के नकरात्मक इशारे देने शुरू कर देता है और आपके सामने वो हर वजह लाकर खड़ा कर देता है जो आपको quit करने के लिए मजबूर कर देती है। उस वक्त हर चुनौती आपके मन में यह शक पैदा करने लगती है कि आप गलत रास्ते पर हो।
हालांकि हर सफ़र के रास्ते में रूकावटें तो आती ही हैं।
मान लो आपको बहुत ही जरूरी office जाना है और आपको एक presentation देनी है। आपको पहले से ही बहुत देर हो चुकी है। लेकिन जब आप जा रहे हो, तो पहले ट्रैफिक में आपके 5 मिनट बर्बाद हो गए और फिर आगे जाकर आपने देखा की कोई सड़क टूटी हुई है और आपको जाने के लिए कोई और रास्ता ढूंढना पड़ेगा।
लेकिन आपने जैसे मर्जी करके जल्दी से जल्दी रास्ता ढूंढा और आप समय पर पहुंच भी गए। उस वक्त आप यह सब कर पाए क्योंकि आपके दिमाग में सिर्फ एक चीज थी कि आपको बस जल्दी ऑफिस पहुंचना है और presentation देनी है, नहीं तो बहुत बड़ी समस्या हो जायेगी।
अब मेरा यह सब कहने का मकसद सिर्फ इतना है कि यह चीज हम अपने सपनों के वक्त क्यों नहीं implement करते हैं। किसी भी सफर के बीच में रुकावट आनी आम बात है लेकिन उस वक्त रोने में समय बर्बाद करने की बजाय, नए रास्ते ढूंढने में समय लगाना, नए तरीके खोजना, वो ज्यादा ज़रूरी होता है ताकि आपको आज नहीं तो कल आपकी मंजिल जरूर मिल जाए।
अक्सर बहुत से लोगों के साथ यह चीज होती है।
आप अपने दिमाग को जैसा signal दोगे, वो वैसे ही काम करेगा।
अगर आपके दिमाग में एक बहुत ही बढ़िया business idea है। हो सकता है कि आपको लगे कि अभी आप इसको लागू करने के लिए बहुत छोटे हो या आपने बहुत देर कर दी।
पहले एक बात बताओ कि क्या ऐसी कोई age book है जिसमें यह लिखा है कि किस काम को करने का सही वक्त कोनसा है।
नहीं ना।
फिर क्यों खुद को उम्र का बहाना बनाकर रोकते रहते हो। ऐसे में आपकी उम्र नहीं बल्कि आपका नजरिया ( Mindset ) आपको आगे बढ़ने से रोक रहा है।
आप यह क्यों नहीं सोचते कि अगर यह idea लागू हो गया तो इससे आपकी और बहुत सारे लोगों की जिंदगी बदल सकती है। आपके हालात सुधर सकते हैं। पर अक्सर हम लोग उन सीमाओं के अंदर बंधकर रह जाते हैं और कुछ ज्यादा सोच ही नहीं पाते।
इस चीज पर ध्यान दो कि आप क्या कर सकते हो। अपने लिए सीमाएं निर्धारित करना बंद करो और खासकर कोशिश करने से पहले अपने लिए रास्ते मत बंद करो। रास्ते में आने वाली बाकी समस्याएं बहुत छोटी है। जो सबसे बड़ी रुकावट है वो है आपका Mindset। आपका Mindset सही होगा तो तुम हर परेशानी से पार पा लोगे।
सकारात्मक बातों पर ध्यान दो, अपनी क्षमताओं पर, अपनी मेहनत पर, अपनी इच्छाशक्ति पर ध्यान दो। जब तुम ये करोगे तो तुम रुकावटों को चुनौतियों की तरह और आगे बढ़ने के मौकों की तरह देखने लगोगे। जो तुम्हें और बेहतर बनने और जिंदगी में तरक्की करने में मदद करेंगी।
सच में अगर तुममें कुछ करने की क्षमता है तो बस एक बड़ी सोच के साथ आगे बढ़ो, कदम रखो और कोशिश करो। भूल जाओ उम्र के बारे में। यह इतनी भी बड़ी चीज नहीं है जितना हम सोचने लगते हैं। तो क्या हो गया अगर आपके साथ वालों ने जो काम 25 की उम्र में किया और आप 35 की उम्र में कर रहे हो। कुछ भी बड़ा करने की कोई उम्र होती ही नहीं।
यह पूरी जिंदगी आपकी है और आप जब चाहोगे इसकी राह बदलने की क्षमता रखते हो। बाकी लोगों की अपनी जिंदगी है। उनकी बातों की परवाह करते–करते खुद के कदम मत रोको। अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जीना सीखो और जियो।
इस article को पढ़ने के लिए धन्यवाद।