अगर कोई आपसे पूछे की आपकी जिंदगी का उद्देश्य क्या है या आप अपनी जिंदगी में क्या बनना चाहते हो।
तो आपका जवाब क्या होगा?
उस समय चाहे आप इस सवाल का सही जवाब दे पाओ या नहीं। लेकिन एक बात तो जरूर है की कभी ना कभी आपके दिमाग में ये बात जरूर आई होगी।
अब बात यह है कि क्या आपको अभी तक इस सवाल का जवाब मिला या नहीं। हम सब को एक ही जिंदगी मिली है और जो भी करना है, तुम्हें इसी जिंदगी में ही करना है।
लेकिन करना क्या है?
आप रोज उठते हो। दिन भर काम करते हो, पर क्यों
- आप अपनी जिंदगी में पाना क्या चाहते हैं?
- आपका लक्ष्य क्या है?
- आपकी जिंदगी का मतलब क्या है?
अगर अभी तक आपको इन सवालों का जवाब नहीं मिला, तो ये पोस्ट आपके लिए है। असल में हम सबको अपनी जिंदगी को एक मतलब देने की जरूरत है। हम सबको ये जानने की जरूरत है कि हम क्यों जिये जा रहे हैं।
देखो! हमारी जिंदगी का मतलब या लक्ष्य हमारे जन्म से ही तय नहीं होता। हमें अपनी जिंदगी का एक मकसद तय करना होगा। जिस मकसद को पूरा करने के लिए आपको जीना है।
जब तुम्हें पता है की तुम्हारी जिंदगी का जो भी लक्ष्य है, वो तुम खुद तय करना है तो इंतज़ार किस बात का। आज ही इस बात पर थोड़ा गोर करो और खुद को पहचानते हुए अपनी जिंदगी का एक मकसद तय करो।
अब मुद्दा तो यह है की कैसे आप अपनी जिंदगी के इस उद्देश्य को ढूंढ पाओगे।
तो सबसे पहले इस बात को स्वीकार कर लो कि दो चीजें ऐसी है जो आपकी जिंदगी में हमेशा रहेंगी ही रहेंगी।
पहली चीज – हम सबकी जिंदगी में परेशानियां आती है। फर्क इतना है किसी की जिंदगी में कम परेशानियां होती है और किसी की जिंदगी में ज्यादा। लेकिन समस्याएं सबकी जिंदगी में होती हैं।
दूसरी चीज – वर्तमान में हम सब लोग अपनी जिंदगी में कोई ना कोई काम जरूर कर रहे हैं। चाहे वो काम आपको खुशी दे या ना दे। पर हम सब किसी न किसी काम को करने में व्यस्त हैं।
ये दोनों चीजें हमारी जिंदागी में हमेशा रहेंगी।
अब इन दोनों चीजों के बारे में थोड़ा गहराई में बात करते हैं।
ये परेशानियां और चुनौतियां जो तुम्हारी जिंदगी में है। ये आपकी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ नेगेटिविटी फैलाने आई हैं।
पर आपको इन समस्याओं के रहते हुए ही आपको अपनी जिंदगी का एक मतलब ढूंढ़ना है। बहुत सारी मेहनत करनी है और अपने हर एक सपने को पाना है।
अगर आपने अपनी जिंदगी में ये करना सीख लिया तो देखना, जो परेशानी आपको चारों तरफ से घेरे हुई हैं, वो खुद ब खुद कम होना शुरू हो जाएगी।
पर पता है क्या?
1) पहली बात – समस्याएं कम होने का नाम नहीं लेती। पर जब आप एक मानसिकता बना लें कि आपको इन समस्याओं के साथ जीना सीखना होगा। क्योंकि यह जिंदगी है। चुनौतियां तो आएंगी ही। आपको इनका सामना करना सीखना होगा और अपना ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपने लक्ष्य पर रखना होगा।
तो सीधी–सीधी बात यहीं है कि समस्याएं कम नहीं होती। असल में हमें वो कम लगने लगती हैं।
2) दूसरी बात – जो की आपकी जिंदगी का बहुत जरूरी हिस्सा है। जिसे समझना आपके लिए बहुत ही ज्यादा जरुरी है।
सबसे पहले तो आपको खुद से सवाल पुछना है कि –
अभी मैं अपनी जिंदगी में जो काम कर रहा हूं, क्या मैं वो पूरे मन से कर रहा हूं या फिर मन तो नहीं है, पर किसी मजबूरी के चलते आपको ये काम करना पड़ रहा है ?
अगर तो आप जो काम कर रहे हैं। वो असल में पूरे मन से कर रहे हैं। इसका मतलब है की आपको आपकी जिंदगी का मतलब मिल गया है और आपको पता चल गया है कि आपकी दिलचस्पी किस काम में है।
लेकिन अगर आप अपनी जिंदगी की किसी मजबूरी के चलते वो काम कर रहे हो। जिसे करने में तुम्हारा बिलकुल भी मन नहीं है। इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि तुम्हारी जिंदगी ऐसी ही रह जाएगी।
तुम्हें वो काम जारी रखते हुए ही ढूंढना होगा की असल में वो काम कोनसा है जिसे करने में मैं अच्छा हूं। जिसे करने में मेरा मन लगेगा। अगर ये काम नहीं जो मैं अभी कर रहा हूं। तो कोई तो काम होगा। जो वास्तव में मुझे करना अच्छा लगता है।
बस यहीं।
यहां मिलेगा आपकी जिंदगी को एक मतलब और जब आपको वो मतलब मिल गया। तब होगी आपकी जिंदगी की यात्रा की शुरुआत।
तुम ये नहीं सोच सकते हो कि आपका भविष्य इसी काम में है जो आप अभी कर रहे हैं। फिर चाहे आपका मन उसमे हो यां नहीं। ऐसी मानसिकता बनाकर मत चलो।
इतना सोचो कि ये काम मुझे सिर्फ तब तक करना है। जब तक मैं उस काम में मुहारत हासिल नहीं कर लेता हूं जिसमे मैं अच्छा हूं। यहां तक कि सबसे अच्छा हूं।
बस जरुरत है तो थोड़ी Time Adjustment की।
आपको अपने काम के साथ–साथ अपने जुनून को भी सही समय देना होगा। अब जब अंधेरे में चमकना है तो जालना तो पड़ेगा ही।
इस article को पढ़ने के लिए धन्यवाद।