क्या आप हमेशा खुद से बातें करते हो और ख़ुद को यह एहसास दिलाते रहते हो कि आप बाकियों की तरह नहीं हो। बाकियों जैसे काम नही कर रहे हो ।
यहीं तो गड़बड़ है । इस दुनिया में बहुत से लोग जिनके पास बहुत अच्छे-अच्छे ideas है , बहुत ही talent है । पर वो डरते हैं अपने इस talent को दुनिया को दिखाने से। उस talent से दुनिया को बदलने से।
तो अकेले talent से क्या होगा ?
उस अलग idea से क्या हो जायेगा ?
जब उनमे dare ही नहीं है कुछ करने का तो । इसका कारण पता है क्या ?
आत्मविश्वास
क्योंकि उनमें आत्मविश्वास की कमी है । खुद पर confidence नहीं है । उन्हें यह लगता है की वो अच्छे नहीं है या उनके ideas बेकार हैं । बस उनके दिमाग में भरे हैं तो negative thoughts जो उनको आगे बढ़ने से रोक रहे हैं । उनको अपने सपने पूरे करने से रोक रहे हैं । उनको बुलंदियों तक पहुंचने से रोक रहे हैं ।
एक अमेरिका के लेखक हैं स्टीफन किंग । जिन्होंने एक बार कहा था :-
“Scariest part is always just before you start – after that things can only get better.”
सबसे डरावना हिस्सा हमेशा आपके शुरू होने से ठीक पहले होता है - उसके बाद ही चीजें बेहतर हो सकती हैं।
बस यहीं बात है ।
जब भी हम किसी चीज को शुरू करते हैं। डर लगता है। मुश्किलें भी आती है । चुनौतियां भी आती है । पर जब एक बार, हिम्मत करके ,होंसला करके, अपने डर पर काबू करके, बस शुरुआत करते हैं तो चीजें उसके बाद बेहतर ही होती हैं और हमारी हर कोशिश के साथ बेहतर होती चली जाती हैं ।
तो एक अच्छी जिंदगी पाने के लिए आपको अपनी capabilities पर विश्वास करना होगा और जो भी मौके आपको अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए मिल रहे हैं। बस आपको बिना खुद पर शक किए उन मौकों का फायदा उठाना है ।
कभी भी इन questions को अपने दिमाग में लाओ ही मत ।
- क्या मैं यह कर सकता हूं ?
- अगर मैं फेल हो गया तो क्या होगा ?
- क्या मैं इस काम को करने के लिए ठीक हूं ?
खुद से यह questions पूछने ही क्यों है।
बस यह जान लो। बस यह ठान लो और अपने दिमाग को यह बता दो कि अब कभी कोई मौका आए तो खुद से कोई question नहीं पूछना है । बस खुद से इतना कहना है की मैं जानता हूं । मुझे पता है कि मैं कुछ भी कर सकता हूं और मैं तो यह कर ही लूंगा । मेरे लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है ।
यह विश्वास करो की अगर मुझे कुछ करने का मौका मिला है । मुझे कोई मौका मिला है तो वह मेरे लिए है । मैं इसके काबिल हूं । तभी तो मुझे यह मौका मिला है ।
इसलिए तुम बस आगे बढ़ो और अपना best दो ।
अपने दिमाग में negative conversation चलाने की बजाए तुम दिमाग में positivity को जगह क्यों नहीं देते ।
जब तक तुम अपने दिमाग में positivity को जगह नहीं दोगे। तब तक तुम अपने रास्ते कभी नही बना पाओगे और न ही कभी तलाश पाओगे ।
क्योंकि तुम त्यार ही नहीं हो और तब तक तुम त्यार नही होगे तो इस negativity को positivity के साथ कैसे बदलोगे।माना कि कई बार चीजें वैसी नहीं होती जैसी हम चाहते हैं ।
यही सबसे कीमती वक्त होता है जब हमें यह फैसला लेना होता है कि मुझे खुद पर विश्वास रख के आगे बढ़ना होगा और एक और चांस लेना होगा ।
देखो यह practice ही है जो आपको perfect बनाती है। लेकिन तुम practice करो तो सही और जो विजेता होते हैं। वो कभी हार नहीं मानते ।
अगर कई बार बहुत कोशिश करने के बाद भी आपको सफलता नहीं मिलती तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप हार चुके हो । तुम और रास्ते बनाओ और मौके ढूंढो और तब तक ढूंढते रहो जब तक तुम्हें कोई ऐसा काम नहीं मिल जाता जो तुम्हारी काबिलियत के साथ न्याय करे ।तुम्हारी क्षमता के हिसाब से हो ।
बस आयने के सामने खड़े हो जाओ और खुद से कहो कि मैं कुछ भी कर सकता हूं ।
बस करना क्या है – जो खुद से तुम negative बातें करते रहते हो । उसकी बजाय तुम्हें खुद से सिर्फ positive बातें करनी है । बस सारा खेल है तुम्हारे शब्दों का और तुम्हारे दिमाग का ।
जो बातें तुम खुद से कहते हो – वही तुम्हारा दिमाग सोचता है । अगर तुम खुद को हमेशा पॉजिटिव कहोगे तो तुम्हारा दिमाग भी पॉजिटिव बातें ही सोचेगा ।
खुद को याद दिलाओ , अपनी ताकत, अपनी काबिलियत ।
इस article को पढ़ने के लिए धन्यवाद।