अक्सर जो लड़ाई चलती है वो चलती है अच्छे और बुरे के बीच में, अंधेरे और रोशनी के बीच में, सच और झूठ के बीच में लेकिन मैं यहां पर ऐसी किसी लड़ाई की बात नहीं कर रही हूँ ।
मैं बात कर रही हूँ – उस लड़ाई के बारे में जो हर वक्त आपके दिमाग में चलती है । वो बंदा जो आपको आपके सपनों से पीछे खींचता है । जो आपको आपके लक्ष्य को पूरा करने से रोकता है, वो आप खुद हो ।
आप कहते हो कि मैं ये करना चाहता हूँ, वो करना चाहता हूँ ।
अरे हाँ भाई हाँ करते भी हो ।
पर कितने Time के लिए ?
कुछ Motivational Video देखते हो । बहुत ही आक्रामक रूप से शुरू होते हो । 2-3 हफ्ते, महीना काम भी करते हो । उसके बाद क्या ?
समस्याएं आई, चुनौती आई, तो तुमने क्या किया ?
आपने Quit किया ।
यहीं तो असली game शुरू होती है… और तुम game शुरू होने से पहले ही छोड़ने के बारे में सोचते हो……
ऐसे उम्मीद लगाते हो ? सपने पूरे होने की ?
और हर साल यहीं तो करते हो । चाहे कोई भी मक्सद हो आपका । करते आप यहां हो ।आप कहते हो की आपको weight loss करना है , अपनी body को shape में लाना है ।
लेकिन मुद्दा तो ये है ना कि इसके लिए करते क्या हो तुम?
खाते वक्त भूल जाते हो कि मक्सद क्या था मेरा ।
और वैसे ही जीते रहते हैं जैसा जीने के लिए आप बने ही नहीं हो । भूल जाते हो कि आप क्या हो ।
तुम इस चीज को क्यों नहीं महसूस करते हो कि तुम्हारी कीमत इससे कहीं कहीं ज़्यादा है । तुम बहुत बड़े actions करने के लिए बने हो ।
चलो जो करना था कर लिया । जो होना था हो गया ।
अब आज से ही खुद से वादा कर लो । खुद को कह दो कि बहुत हार गया मै । अब मुझे हरना नहीं है ।
मैं जीतने के लिए बना हूं और मैं जीत कर रहूंगा ।
और अपनी ही फिल्म के हीरो बनो ।
जानो कि तुम्हारा लक्ष्य क्या है ।
जानो कि वो कौनसी बात है जो मुझे खुद में सुधारनी है । जानो की वो कौनसी खामियाँ है जो तुम्हारे goal के बीच में रुकावत बन रहे हैं ।
जानो की वो कोसी गलतियां हैं जो आपके अपने पास्ट में की और जिन्हे आप कभी भी दोराना नहीं ………
बहुत लोग कहते हैं की अगर मुझे ये मिल गया ना तो मैं ये करुंगा ।
अरे मतलब क्या है इसका कि अगर मुझे ये मिल गया ?
मतलब कि तुम सिर्फ और सिर्फ किस्मत के सहारे बैठे हो । इंतजार क्यू कर रहे हो को अगर ये मिल गया ?
उठो ……और जो चाहिए उसे पाने की हिम्मत रखो और उसे पाओ ।
जब तुम्हारा होंसला पक्का होगा तो कोई ताकत नहीं रोक सकती तुम्हें तुम्हारे लक्ष्यों को हासिल करने से ।
बस जो Problem है, वो है तुम्हारा comfort zone । जब तक इसमे हो तो भूल जाओ अपना लक्ष्य, भूल जाओ अपने सपने ।
जो अभी आपके पास है- कभी भी उससे संतुष्ट मत होना । कुछ और नया पाने के इच्छा आपको आगे से और भी बेहतर बना देती है ।
मैं नहीं कर सकता…मुझसे नहीं होगा… मैं अभी तैयार नहीं हूँ… मैं कल से करुंगा ।
छोड़ दो ये सारे बहाने पीछे ।
अपने सपनों को पाने के लिए तुम्हारी लड़ाई तो किसी और से नहीं है बल्कि तुम्हारे खुद से है ।
तो अपने खुद के ही पुराने version से लड़ो तुम । खुद को सुधारो और खुद को अपना सबसे अच्छा version बनाओ।
उम्मीद है कि आपको ये article अच्छा लगा होगा और आपने जान लिया होगा कि अगर जिंदगी में कुछ पाना है तो खुद से ही compete करना होगा ।
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इस article को पढ़ने के लिए धन्यवाद