हम अक्सर अपनी जिंदगी में कहते रहते हैं कि यार मुझे जिंदगी में Growth चाहिए। मुझे एक जगह पर अटके नहीं रहना है। मुझे जिंदगी में आगे बढ़ना है। जब कभी रास्ते में थोड़ी सी परेशानी आ जाती है तो हम घबरा जाते हैं, हार मान जाते हैं और अपनी में आगे बढ़ने का सपना भूल जाते हैं।
सबसे पहले तो हमें यह चीज समझनी होगी कि आपकी Growth एक मंजिल नहीं है, यह एक प्रक्रिया है। यह एक सीढ़ी की तरह है जिस पर आप एक टाइम पर सिर्फ एक कदम ही रख सकते हो। अगर कोई एक कदम छूट गया तो संतुलन भी बिगड़ सकता है। कई बार तो चढ़ते–चढ़ते सीढ़ी थोड़ी सी टूट भी जाती है।
इसका यह मतलब तो नहीं है कि आप ऊपर पहुंच नहीं पाओगे। अब यह तो तुम्हें तय करना है कि तुम्हें इस पर रोना है या सीढ़ी जोड़ने की कोशिश करनी है।
जब तुम growth को एक मंजिल छोड़कर एक प्रक्रिया समझने लगोगे, तो दिन-ब-दिन, कदम-दर-कदम बस आगे बढ़ते जाओगे।
जब तुम कोई सफर भी करते हो, तो तुम जहां हो, वहां से कभी रास्ते का अंत नहीं देख पाते। लेकिन फिर भी तुम्हें अंदाजा होता है कि तुम अपनी मंजिल से अभी कितना दूर हो और जहां से आप ने शुरुआत की थी, उससे कितना दूर आ चुके हो।
बस इतना ध्यान देना कि खुद के साथ कभी इतना सख्त मत होना। यह सच है कि हर इंसान को अपनी जिंदगी में Growth चाहिए। लेकिन उसका रास्ता फूलों से भरा हुआ हो, यह जरूरी तो नहीं है। वैसे भी जो मंजिल आराम से मिल जाए, उसे पाने में वो मजा ही कहां जो मुसीबतों से लड़कर, झूझकर, पूरी ताकत के साथ अपने सपनों को पाने में है।
कई बार तो जिंदगी में एक ऐसा समय आता है जब तुम खुद पर शक करने लगते हो और बहुत मानसिक पीड़ा से गुजरते हो, उस वक्त तुम्हें खुद से सिर्फ एक बात कहनी है कि यह सब सिर्फ 1 रास्ते में आने वाले पत्थर हैं जिससे अगर आपको ठोकर लगेगी तो तुम चार कदम आगे ही जाओगे। यह आपकी growth का एक हिस्सा ही है।
एक योद्धा के लिए बिना युद्ध के कोई जीत नहीं होती और तुम एक योद्धा हो।
एक बात बताओ कि अगर तुम्हारी जिंदगी सुचारू रूप से चलती रहे और जिंदगी में कोई चुनौती ही ना आए। तो क्या ही मजा है ऐसी जिंदगी का। तो तुम्हारा वजूद कैसा होगा। तुम कुछ सीखोगे कैसे। जिंदगी में आगे बढ़ोगे कैसे। खुद की मानसिक क्षमता को सुधारोगे कैसे। खुद के best version कैसे बनोगे।
न तो तुम्हारी कोई पहचान होगी और ना ही कोई अस्तित्व। ऐसे में तुम्हारे होने से यां न होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि तुम इस जिंदगी में किसी और के लिए कुछ करना तो दूर, खुद के लिए भी कुछ नहीं कर पाए। यार जिंदगी जीने के लिए तुम्हारे अंदर कुछ पाने की भूख होनी चाहिए कि यह पाना है तो पाना ही है।
तुम इस दुनिया में आए हो तो अपने सपने पूरे करने के लिए। एक पहचान बनाने के लिए। खुद का नाम बनाने के लिए। खुद के काम को दुनिया तक पहुंचाने के लिए।
अक्सर पता है क्या होता है कि हम जब किसी सफल इंसान को देखते हैं तो हमें सिर्फ उसकी सफलता दिखती है। लेकिन उस सफलता को पाने के लिए उस इंसान ने जिंदगी में क्या-क्या खोया है, क्या-क्या किया है – हमें इस चीज का अंदाजा तक नहीं होता। ना जाने कितनी बार उस इंसान ने अपनी काबिलियत पर शक किया होगा। कितनी गलतियां की होंगी। कितना पसीना बहाया होगा। कितनी मेहनत की होगी और ना जाने कितने आंसू बहाए होंगे।
जब एक इंसान इन चीजों से पार पा लेता है तब उसे सफल होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती।
एक बहुत ही महान शख्स ने बहुत ही अच्छी बात कही है –
“अगर तुम उड़ नहीं सकते, तो दौड़ो। अगर दौड़ नहीं सकते तो चलो और अगर चल नहीं सकते तो घुटनों के बल चलो। लेकिन जो भी हो जाए, रुको मत।”
बस तुम्हें भी अपनी जिंदगी में यही करना है मुसीबतें और दिक्कतें आएंगी। लेकिन तुम्हारे भी सपने हैं। अगर परेशानियों का आना तय है, तो तुम्हारा भी अपने सपनों को पाना तय है। रुकावटों को तो आना ही है और तुम्हें भी चलते जाना ही है।
इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद। मुझे उम्मीद है कि आपको यह article पसंद आया होगा।