डर काफी कीमती चीज है। यह अक्सर आपको बहुत चीजों से बचाकर रखता है और अगर किसी चीज में सावधानी रखने की जरूरत है तो आपका डर आपको सावधान भी करता है। लेकिन आपका यह डर आपको आगे बढ़ने से भी रोके हुए है।
पर आपको अपनी जिंदगी में यह बात भी समझनी होगी कि वो हर चीज जिससे आप डरते हो। सच में उससे डरना जरूरी नहीं होता।
क्या आपने कभी अपनी जिंदगी में ऐसे हालात का सामना किया है जब आप अपनी जिंदगी में कोई बड़ा फैसला लेने से डर रहे थे या फिर कोई बदलाव लाने से डर रहे थे या फिर कोई जोखिम उठाने से डर रहे थे।
डर सबको लगता है। यह मायने नहीं करता कि तुम डर रहे थे। मायने यह करता है कि तुमने डरने के बाद क्या किया ? क्या तुम डरते रह गए और सब चीजों को वैसे ही छोड़ दिया जैसे कि वो थी या फिर अपने डर को भूल कर अपने सपनों की तरफ देखा, हिम्मत की, हौसला दिखाया और फैसला लिया।
डर लगना एक आम बात है। सबको डर लगता है । यह हम सब के व्यक्तित्व का एक हिस्सा है कि हम खुद को हमेशा सुरक्षित रखना चाहते हैं। खुद को comfort में रखना चाहते हैं और जहां खतरा दिखे वहां से दूर रहना चाहते हैं।
तुम्हारा comfort zone तुम्हें कभी भी जिंदगी की सच्चाई से रूबरू नहीं होने देगा। जिंदगी जीना नहीं सिखाएगा। हालातों से लड़ना नहीं सिखाएगा। जिंदगी अगर कभी इंसान को चुनाव करने का मौका देती है तो वो हमेशा अपने comfort zone को ही चुनता है।
लेकिन तुम्हे यह समझना होगा की यह चुनाव है – तुम्हारे comfort zone के बीच में और तुम्हारे सपनों के बीच में।
अगर तुम अपने comfort zone को चुनते हो तो तुम अपने सपनों को कभी नहीं पा पाओगे और अगर अपने सपनों को चुनते हो तो तुम्हें अपने comfort zone से हर कीमत पर बाहर आना ही होगा। अपने इस डर को खत्म करना ही होगा।
पता है इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं।
एक होते हैं Realists और दूसरे होते हैं Dreamers।
REALISTS
पहले बात करते है की यह realists कौन होते हैं। यह लोग थोड़े से practical होते हैं । यह Logics के साथ चलते हैं। हर वक्त सावधान रहते हैं और कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले गहराई से विश्लेषण करते हैं। हर काम में क्या अच्छा है और क्या बुरा है, सब जानने के बाद फैसला लेते हैं।
खासकर ऐसे फैसले जो उनकी जिंदगी बदल सकते हैं ।
- चाहे वो फैसला किसी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के संबंधित हो या
- Career से संबंधित हो या
- घर या गाड़ी खरीदने जैसा कोई बड़ा फैसला हो ।
Realists लोग ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले बहुत गहराई में सोचते हैं। ये लोग यह देख ही नहीं पाते कि इनके पास आगे बढ़ने के कितने मौके हैं। क्योंकि इनको अपने इकलौती योजना पर ही बहुत विश्वास होता है।
इसका यह मतलब नहीं है कि realist लोग सपने नही देखते। यह लोग भी सपने देखते है। बस ये अपनी बनाई योजना पर टिके रहते हैं। यह लोग अपने तथ्यों के हिसाब से ही एक सीमा निर्धारित कर लेते हैं और उनका मकसद होता है सिर्फ उस सीमा तक पहुंचना। वो इस सीमा से बाहर जाने का न तो सोचते हैं और न ही उससे बाहर जाते हैं। यह हमेशा safe play करते हैं। इनकी उम्मीदें Dreamers से बहुत कम होती है।
DREAMERS
वहीं बात करें Dreamers की तो यह लोग बहुत बड़े–बड़े सपने देखने वाले होते हैं। जुनून से भरे यह लोग दुनिया को बदलने की हिम्मत रखते है। क्योंकि उन्हें पता होता है की वो यह कर सकते हैं।
अगर तुम्हारे अंदर एक Dreamer वाला attitude है तो तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं है। यह बस इतना सोचते हैं कि इनके रास्ते में आई हुई परेशानी सिर्फ इनकी हिम्मत टेस्ट करने आई है और इनमें अपार हिम्मत होती है।
असल में इन लोगों के सपनों की कोई सीमा होती ही नहीं। यह लोग जितना ऊंचा पहुंच सकते हैं, पहुंचना चाहते हैं। इनकी Dictionary में डर, शक, सीमाओं जैसा कोई शब्द होता ही नहीं। यह गिरते हैं, बहुत बार गिरते हैं पर गिर कर उठते हैं। लेकिन कभी give up नहीं करते।
सपने तो दोनों के होते हैं लेकिन इन दोनों का अपने सपनों के प्रति नजरिया अलग होता है। अपने सपनों को पूरा करने का तरीका अलग होता है।
लेकिन अगर जिंदगी में कुछ बनना है तो तुम्हारा व्यक्तित्व Dreamers वाला ही होना चाहिए। एक dreamer की जिंदगी में comfort zone जैसी कोई चीज होती ही नहीं।
ऐसे लोग जिंदगी में बड़े–बड़े फैसले लेने से डरते नहीं हैं। चाहे वो–
- खुद का business शुरू करने का फैसला हो या
- विश्वविद्यालय छोड़ने से संबंधित कोई फैसला हो या
- किसी नए देश में हमेशा के लिए रहने का फैसला हो या
- फिर अपना जुनून का पीछा करने के लिए अपनी 10 साल पुरानी नौकरी छोड़ने का फैसला हो ।
उन्होंने यह फैसला लिया क्योंकि उनको पता होता है कि उन्होंने जो सोचा है वो उसे कर ही लेंगे। उनके लिए सब आसान है।
अब बात करते हैं आपकी कि आप किस Category में आते हैं।
- देखो दोस्तों, realists होना बुरा नहीं है।
- जिंदगी में Practical होना बुरा नहीं है।
- Planning करना बुरा नही है।
पर अपने आप को सीमाओं में बांध लेना सबसे बड़ी परेशानी है। लेकिन अगर आप सच में अपने सपने पूरे करने चाहते हो तो एक Dreamer बनो। मत बांधो खुद को सीमाओं में। खुद की क्षमता पहचानो और ऊंचाइयों तक पहुंचो।