नमस्ते दोस्तों ! आज बात करते हैं रिश्तों के बारे में कि क्यों आज के समय में हम अपने रिश्तों प्रति अपना विश्वास खोते चले जा रहे हैं ।
- क्यों झगड़े होते हैं ?
- क्यों हम रिश्तों में दुखी होते हैं ?
इन सब का एक ही कारण है । हमारी उम्मीदें…….
असल में पता क्या होता है । हम किसी से भी प्यार को लेकर इक अलग ही उम्मीद रख लेते हैं और जब हमारी वो उम्मीद पूरी नही होती । हम अपने रिश्ते से असंतुष्ट होने लगते हैं ।
आप जानते हैं आज कल हम एक तरह के शर्तिये संबंध में रहने लगे हैं । यहां तक कि हम रिश्ते को सही बनाने के लिए दूसरे इंसान पर शर्तें लगाने लगे हैं और जब वो शर्तें अन्य व्यक्ति से पूरी नहीं होती हैं । हमें वो चीज स्वीकार्य नहीं है ।
पता है हम क्या करते हैं ? हम खुद में ही ये मान लेते हैं कि अगर हमरा पार्टनर हम से प्यार करता है तो वो इस तरीके से या इस तरह से प्रतिक्रिया करेगा । हम दूसरे इंसान से उस उम्मीद को ही दिमाग में रखकर ही तय करने लगते हैं कि हमारा रिश्ता कैसा है । सबसे अच्छा या सबसे बुरा ?
अगर सालगीरा पर पति अपनी पत्नी को एक अच्छा सा तोहफा दे देता है तो माना जाता है कि वो एक अच्छा पति है और वही अगर वो ये नहीं कर पाता तो क्या मान लिया जाता है की वो अपनी पत्नी से प्यार नहीं करता । वो एक अच्छा पति नहीं है ।
यह गलत है। ऐसा भी तो हो सकता है कि वो इंसान चाहे आपके लिए तोहफा नही ला पाया सालगिरा पर लेकिन वो इंसान आपसे सच्चा प्यार करता हो, बहुत प्यार करता हो। उसके पास अपना प्यार दिखाने का एक ही तरीका है।
वो है उसकी भावनाएं
और वहीं ऐसा भी हो सकता है की जो इंसान हर अवसर पर तोहफे दे रहा है । वास्तविक में क्या पता वो प्यार में धोखा दे रहा हो ।
इसलिए अपने रिश्ते की किताब से शर्तों का पन्ना हटा दो । शर्तों के आधार पर अपना प्यार मापने चलोगे तो एक सच्चा प्यार, एक सच्चा रिश्ता कभी ढूंढ ही नहीं पाओगे । एक सच्चे रिश्ते के बीच कोई शर्त नहीं होती । चाहे वो एक दोस्त का हो, पति का हो, पत्नी का हो, मां का हो या पिता का । लोगों को वैसे ही स्वीकार करें जैसे वे हैं।
असल में हो पता क्या रहा है ?
किसी भी रिश्ते में हम दूसरे इंसान को बदलना चाहते हैं ।
पर दूसरे को सलाह देने से पहले सोचो कि क्या आप खुद उस चीज को अपना रहे हो । पता है दूसरों की गलतियों को ढूंढना बहुत आसान है ।
हमें अगर किसी भी रिश्ते को बेहतर बनाना है तो शुरुआत हमें खुद से ही करनी होगी और खुद की बात करें तो इसमें सिर्फ ये चीज नहीं आती कि हम दूसरे इंसान से क्या कहते हैं और उसके साथ क्या करते हैं । इसमे ये भी बात आती है कि हम दूसरे व्यक्ति के बारे में क्या सोचते हैं ।
हमेशा ध्यान रखें कि हर इंसान अलग होता है । उसका चरित्र अलग है । उसकी पसंद अलग है । हर इंसान का दुनिया को देखने का नजरिया अलग होता है और सबसे महत्वपूर्ण अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए प्यार जताने का तरीका अलग होता है । इसलिए चीजों पर ध्यान मत दो । यह सब मायने नहीं रखता ।
तोहफे आपको सिर्फ कुछ पल के लिए सुख देते हैं । एक relationship में मायने करता है तो दूसरे इंसान की भावना, उसका प्यार जो आपके लिए है और ये जिंदगी भर के लिए है जो आपको आजीवन सिर्फ खुशी ही देता है ।
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