जब तक हम दुनिया में हैं – गलतियां तो होती ही रहेंगी । जाने अनजाने में । अब कुछ गलतियां तो होती है जो अंजाने में हो जाती है जिसे हम अचेतन गलतियाँ ( Unconscious Mistakes ) कहते हैं ।
ये जो गलतियां जो हमसे अंजाने में हो जाती है । वो होती है ज्ञान की कमी की वजह से । कई बार हमें उस चीज के बारे में ज्ञान नहीं होता । क्योंकि हमें उस चीज़ का अनुभव नहीं होता होता और हम सही निर्णय नहीं ले पाते ।
उदाहरण के लिए यह हो सकता है :–
- एक छात्र होने के नाते आपने अपने लिए गलत विषय का चुनाव कर लिया ।
- एक नौजवान होने के नाते अपने लिए एक गलत पेशा चुनना जो आपके जीवन के उद्देश्य के साथ मेल नहीं खाता ।
- एक व्यवसायी होने के नाते अंजाने में कुछ ऐसा कोई ऐसा निर्णय ले लेना जिससे काम में बहुत नुक्सान हो जाता है ।
दूसरी होती है हमारी सचेत गलतियाँ जो हम हर रोज बार–बार जान बूझ कर दोहराते हैं………
उदाहरण के लिए :-
- आपको पता है की अगर आप स्कूल या ऑफिस में देर से गए तो सजा मिल सकती है । मगर फिर भी जान कर रोज देर से आना । यह एक सचेत गलती है ।
- अगर आपको पता है की आपका रिश्ता किसी दूसरे व्यक्ति के साथ सही नहीं चल रहा और आगे भी सही नहीं चलेगा । खुशी किसी को नहीं मिलेगी ।
यह भी एक सचेत गलती है । जान कर की गई गलती । अब सोचने वाली बात तो ये है की हम गलतियां करते क्यों है ?असल में अपनी पूरी जिंदगी में हम बस कुछ चीजों के साथ, कुछ स्थितियों के साथ प्रयोग करते रहते हैं और कई बार ये प्रयोग काम कर जाते हैं और कई बार नहीं ।
बस इसी प्रयोग के दोरान गलतियां होती हैं जब वो प्रयोग काम नहीं करते । यहां तक कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा है ।
“जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की ।”
अगर आप किसी चीज में फेल होते हैं तो इसका ये मतलब नहीं कि आपने कोई गलती की है । जिंदगी में कुछ असफलताएं तब होती हैं जब आप अपनी जिंदगी में कुछ चीजों को पहली बार कर रहे होते हैं । वो भी अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर और जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए, ग्रोथ के लिए ऐसे प्रयोग करने जरुरी हैं ।
जब भी हम कुछ नया करने की कोशिश करते हैं और उसमे असफल हो जाते हैं । कई बार बहुत आलोचना का सामना भी करना पड़ता है । जो की हमारे अंदर एक डर पैदा कर देता है और हमें अगला कदम लेने से रोकता है ।
पर अपनी जिंदगी में गलतियों से डरो मत । ये गलतियां हुई क्योंकि तुम्हारा पहला प्रयास था । इससे डरो मत । इससे सीखो और आगे उसे फिर मत दोहराएं ।
अब मुद्दे की बात तो ये है की क्या हम गलतियों में कुछ सिखते हैं ?
यह याद रखो कि गलतियां जिंदगी का हिस्सा हैं । जब तक जिंदगी है । गलतियां तो होंगी । लेकिन दूसरा पक्ष ये भी है कि हमे इन गलतियों को सुधारना भी है । अगर गलती अंजाने में हुई हो तो अगली बार मत दोहराओ और अगर बार बार जान बूझ कर रहे हैं तो अपनी आदतें बदलो नहीं तो जिंदगी के एक मोड पर आकर खुद पछताओगे की काश अपनी जिंदगी में हुई उन गलतियों से कुछ सीखा होता ।
आपको जिंदगी में कभी ये ना सोचना पढ़े । इसलिये बस अपनी गलतियों से सीखो और सुधारो । अगर कोई गलती होती है जिंदगी में तो सबसे पहले देखो की हुआ क्या है । कहां समस्या हुई ।
फिर जानो कि वो क्या कारण थे जिसकी वजह से ये गलतियों हुई और क्या इसमे आपकी गलती थी या किसी अन्य कारण से ये सब हुआ । फिर सोचो कि मैं क्या कर सकता हूं उसको ठीक करने के लिए ।
जिंदगी अच्छी हो जाएगी । जब हम अपनी की हुई गलतियों पर अफसोस करना बंद कर देंगे और उस पर काम करना शुरू करेंगे । उसको सही करना शुरू करेंगे ।