जब हम अपने सपनों का एहसास होता है कि हमारे सपने क्या है । हम जब जान जाते हैं कि इस दुनिया में क्यों हैं और हमारी जिंदगी का मकसद क्या है । तो जिंदगी हमसे कुछ मांगती है । वो कदम । वो पहला कदम जो हमारे सपनों के सफर को शुरू करने के लिए चाहिए । हालांकि हमारे सपनों के सफर में पहला कदम उठाना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है ।
पर सबसे पहले तो इस बात को समझो की आपके लिए यह पहला कदम है क्या ?
अपने सपनों के बारे में सोचना। वो आपके सपने की तरफ पहला कदम नहीं है । आपका पहला कदम है वो एक्शन।वो पहला एक्शन जो आपके सपनों की नीव रखता है ।
उदाहरण के लिए मान लो कि आप एक लेखक बनना चाहते हो और अपने सोच लिया की मुझे एक लेखक बनाना है । यह आपका पहला कदम नहीं है ।
आपका पहला कदम तब होगा जब आप लिखना शुरू करोगे । अगर नहीं लिख पा रहे हो तो जब आप लिखना सिखोगे । लगातार कोशिश करोगे । बार–बार लिखने की कोशिश करोगे । वो आपका पहला कदम होगा ।
आप अपनी जिंदगी में कुछ भी बन सकते हैं । कुछ भी कर सकते हैं । अगर आपने उसके लिए काम करना शुरू कर दिया । उसके लिए मेहनत करनी शुरू कर दी।
जो भी है । सब कुछ आपके दिमाग पर निर्भर करता है कि आप अपने सपनों को कितनी गंभीरता के साथ पाने की कोशिश कर रहे हो । आप आपने सपने को कितने मन से पाना चाहते हो । अपना कितना अच्छा दे रहे हो। अपने कितने प्रयास लगा रहे हो । सब कुछ आपके दिमाग पर निर्भर करता है । ये जो सीमाएं है और वो चीजें जो आपको रोकती है कुछ पाने से । वो सब आप पर खुद पर निर्भर करता है ।
पता है अक्सर होता क्या है ?
जब हम नए सपने देखते हैं तो हम बहुत प्रेरित होते हैं । पूरे जुनून से भरे होते हैं । एकदम उत्साहित होते हैं । पर समय के साथ यह मोटिवेशन कम होने लगती है और हम धीरे-धीरे अपने सपनों को बहुत पीछे छोड़ देते हैं क्योंकि हम अपने सपनों के साथ–साथ और भी बहुत सी बातें सोचने लगते हैं ।
वो सारे नकारात्मक चीजें सोचने लग जाते हैं जो हमारे सपनों को पूरा करने के बीच में रुकावत है । हम यह सोचते हैं की यह परेशानी मेरे सपनों के रास्ते में खड़ी है । लेकिन हम ये नहीं सोचते की इन परेशानियों को कैसे हटाया जाए । कैसे अपने सपनों की तरफ एक कदम बढ़ाया जाए ।
जो सबसे बड़ी परेशानी है वो है हमारा आत्म-संदेह।
हमारा फेल होने का डर ही हमको पहला कदम नहीं लेने देता । अपने सपनों की तरफ पहला कदम लेने के लिए सबसे पहले तो आपको अपने कम्फर्ट जोन से बहार आना होगा क्योंकि जो आपके सपनों की ऊंचाई है ।
ये जो आपके सपने हैं । जो आप बनना चाहते हो । वो मंजिल आपको अपने कम्फर्ट जोन से बहार आकार ही मिलेगी । यह बात सच है की जब आप सपने देखते हो तो आप अपने सपनों के लिए पूरे तरीके से त्यार नहीं होते हो । पर इसका मतलब यह तो नहीं कि आप अपने सपनों की राह में पहला कदम ही नहीं बड़ाओगे ।
अपने सपनों को पाने के लिए पहला कदम उठाओगे । कोशिश करोगे, प्रयास करोगे, मेहनत करोगे । तो एक समय ऐसा भी आएगा जब आप पूरी तरह से त्यार हो जाओगे और आप उस चीज में परफेक्ट बन जाओगे । आप अपने सपनों को पाने के लिए एकदम तयार हो जाएंगे ।
पर यह हमेशा याद रखें की अगर आप अपने सपनों की तरफ पहला कदम बढ़ाओगे तो वो भगवान दो कदम बढ़ाएंगे । पर आपको सबर के साथ प्रयास करते रहने होंगे । चलते रहना होगा । भगवान और किस्मत दोनों आपका साथ देंगे अगर आपकी मेहनत साथ रही तो ।
अगर आपको अपनी क्षमता पर, अपनी काबिलियत पर शक है तो एक्शन लो । बस एक्शन लो आपके सारे शक खुद को लेकर खतम हो जाएंगे । आपको सारे लक्ष्य एकदम स्पष्ट रूप से नज़र आने लग जाएंगे । क्योंकि आप अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ रहे हैं ।
इस बात का हमेशा ध्यान रखो कि अगर आपके एक्शन आप को प्रेरित नहीं कर रहे हैं । इसका मतलब यही है कि वो आपके लिए नहीं बने हैं । अगर जो काम आप कर रहे हैं वो आपके अंदर जुनून ही नहीं पैदा कर रहे । आप एन्जॉय ही नहीं कर रहे हैं तो आप उसके लिए नहीं बने हो । वो काम करो । वो सपने पाओ । उस चीज की तरफ प्रयास लगाओ जो करने में आपको मजा भी आया ।
जब आप एक्शन लेना शुरू करते हो । तो वो असफलता का डर जो आपके दिमाग में पहला कदम लेने से पहले होता है वो एकदम हट जाता है और ऐसा कौन सा इंसान है इस दुनिया में जो की अपने पहले प्रयास में कभी असफल नहीं हुआ ।
अरे शतक पर शतक बनाने वाला क्रिकेटर भी कई बार 0 पर आउट हो जाता है । अब इसका ये मतलब तो नहीं है ना की वो एक अच्छा खिलाड़ी नहीं है । आप यह नही कह सकते कि यह उसकी बस एक किस्मत थी । किस्मत सिर्फ एक बार काम करती है, हर बार नहीं ।
अगर हर बार आप को अपने हर कदम पर सफलता मिल रही है तो वह आपकी मेहनत है । वो आपके प्रयास हैं और बीच में अगर एक कदम पर आपसे कोई गलती हो भी जाती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सही नहीं हो । आपके प्रयास सही नहीं हैं । बस इतना दिमाग में रखो की अभी अगर कोई गल्ती हुई है तो अब वो दोबारा न हो ।
बहुत बार तो हम अपने सपनों को बीच में ही छोड़ देते हैं क्योंकि हम मौके नहीं देख पाते हैं । कई बार जब हम सपनों के रास्ते की तरफ एक कदम बढ़ाते हैं । अपने समय का सही उपयोग करते है । तब हमें नही पता होता की आगे क्या होगा । पर धीरे धीरे जब हम चलते जाते हैं अपने सपनों की तरफ तो धीरे धीरे हमको अवसर भी नज़र आने लगते हैं और आज के समय में तो हमारे पास आहेवबढ़ने के लिए बहुत सी अवसर हैं अगर हम हार न माने तो ।
आगे बढ़ते रहे तो बहुत से ऐसे दरवाजे हैं जो हमारी मेहनत के साथ ही खुलेंगे । उसके बिना नहीं खुलेंगे और उस दरवाजे की चाबी है हमारी मेहनत । हमारे प्रयास, हमारे काम, हमारी कोशिश । हमारा वो पहला कदम ।
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