कहते हैं कि डर का आगे जीत है । खुद के डर पर काबु पाने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी में हर लक्ष्य को आसानी से पा लेता है और डरने वाला व्यक्ति जीवन भर अपनी क्षमताओं को कभी जान ही नहीं पाता ।
अगर आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते है तो बस पहले अपने मन से इस डर को दूर करना होगा । कुछ लोग तो ऐसे होते हैं कि काम में थोड़ा सा संघर्ष आया नहीं कि वो उस काम को ना करने का मन मन लेते हैं ।
यह सही कदम नहीं है और इस डर को एक ही चीज हरा सकती है । आपका साहस,आपकी हिम्मत । असल में सारी गेम ना आपके मन की है और आपके मन में एक शैतान है और यहां पर आपका ये जो डर है वो है – एक शैतान और आपकी हिम्मत है एक फरिश्ता ।
इस फरिश्ते को अपने दिल पर राज करने दो । अपने मन में है हिम्मत को इतनी जगा दे दो की डर अपनी जगह बना ही ना पाए । पर कभी-कभी ये संभव ही नहीं होता कि हमारे मन में किसी चीज को लेकर डर आए ही न ।
क्योंकि खुशी, गम, उदासी के तरह ये भी एक अहसास है । पर डर की ये जो नेगेटिव इमेज हम सब के दिमाग में बनी हुई है । इस नेगेटिव इमेज को तो पॉजिटिव इमेज में बदला जा सकता है ।
तुम डर को इस्तेमाल करो, खुद को मोटिवेशन देने के लिए ।अब देखो हम सब लोगों के दिमाग में जो सबसे बड़ा डर होता है –
वो होता है कि –
“लोग क्या कहेंगे”
अब अपने इसी डर को मोटिवेशनल फ्यूल को तरह प्रयोग करो। अब मैं आपको बताती हूं कि आप ऐसा कैसे करेंगे ।
उदाहरण के लिए मान लो कि आप 12वीं के छात्र हैं और आप चाहते हैं कि आप अपनी कक्षा में टॉपर बनो और इस चीज को लेकर आपके मन में कभी-कभी डर भी आएगा कि मैं अगर टॉपर नहीं बन पाया तो ।
पर आपको डर से डरना नहीं है । अपने अंदर एक ऐसा डर बिठा लो जो आपको टॉपर बनने के लिए मोटिवेट करे । अब ऐसा करो कि अपने सारे दोस्तों, रिश्तेदारों, जान पहचान वालों को पहले ही बता दो कि मैं इस बार 12वीं की परीक्षा टॉप करुंगा । यहां तक कि अपने फेसबुक, व्हाट्सएप पर स्टेटस तक लगा दो की आप ये परीक्षा टॉप करोगे ।
अब यह आपके लिए पॉजीटिव प्रेशर का काम करेगा । अब ये सोच के आप दिन रात, लगन से पूरी मेहनत से पढाई करोगे । क्योंकि आपको फिक्र है कि लोग क्या कहेंगे और ये लोग क्या कहेंगे का डर आपके लिए मोटिवेशनल फ्यूल की तरह काम करेगा और आपको टॉपर भी बनाएगा ।
दूसरा:
अपने डर को अपना दुश्मन मानो हमेशा । अब देखो – वास्तविक जीवन में जब कोई दुश्मन होता तो हमें होता है की ये व्यक्ति हमारे खिलाफ कुछ ना कुछ योजना जरूर करेगा तो हम तैयार रहते हैं हमेशा और सतर्क रहते हैं ।
तो बस यहीं तो करना है । जब किसी चीज से संबंधित डर आपके सामने आएगा तो हमेशा इसे अपना दुश्मन मानो । तो इससे क्या होगा कि आपका मन और शरीर पूरी तरह से सक्रिय हो जाएंगे और आप इस डर से निकलने का रास्ता ढूंढ लोगे ।
क्योंकि अपने दुश्मनो को तो कोई नहीं जीतने देता तो डर को कैसे जीतने दोगे । बस यहीं मन में सोचो कि डर मेरा दुश्मन है। अगर इस बार इस डर को नहीं हराया तो ये मुझे खत्म कर देगा और मुझे इस डर को हराना है । उसे ख़तम करना है ।
उदाहरण के लिए मान लो कि आप स्कूटी सीखना चाहते हो । आपको इस चीज से डर लगता है कि आपका एक्सीडेंट हो गया तो । कुछ गलत हो गया तो । ऐसे विचार मन में आते हैं पर इन विचारों को अपना मन को नियंत्रण मत करने दो ।
खुद से ये कहो की ये डर मेरा दुश्मन है । ये नहीं चाहता की आप आत्मनिर्भर बनो । ये डर ये चाहता है की आप हमेश अपने हर काम के लिए किसी ना किसी पर निर्भर रहो । ये आपको आत्मनिर्भर नहीं बनने देना चाहता ।
देखो आपका दुश्मन तो यही चाहता है । पर आप………
आप क्या ये चाहते हो कि हर छोटे मोटे काम के लिए बाहर जाने के लिए किसी न किसी पर निर्भर रहो ।
नहीं ना ।
तो बस इस डर को मानो अपना दुश्मन और हराओ इसे और अपने दिमाग और शरीर को सक्रिय रख के बस सीखो स्कूटी ।आप एक बेहतरीन ड्राइवर बनोगे जब आपने इस डर को खतम कर दिया ।
आपको बस इतना ही करना है । बस आपके डर को नेगेटिव नहीं लेना । उस डर को पॉजिटिव लेना है । उस डर से भी पॉजिटिव रिजल्ट लेना है । पर जो डर आपको ख़तम करने के लिए आगे बढ़ रहा है । आपके दिमाग को, आपके लक्ष्यों को कंट्रोल करना चाहता है । उसे तो किसी कीमत पर जीतने ही मत दो ।